Monday, December 7, 2015

पृथ्वीपुत्र; अध्याय १, प.स. १

पृथ्वी, एक खूबसूरत ग्रह | सूरज के परिवार में जड़ा एक अनमोल रत्न | इसकी अनमोलता का कारण था इसकी जीवन प्रदान करने की क्षमता | पूरे सौर परिवार में पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह था जिसके पास जीवन प्रदान करने की अद्भुत क्षमता थी | बहुत वर्षों पूर्व शायद इस ग्रह का निर्माण ही जीवन प्रदान करने के लिए किया गया था | उपयुक्त ताप, जल की सुलभता, प्राणवायु की उपस्थिति, और अन्य सभी कारक जो जीवन प्रदान करने के लिए आवश्यक होते हैं, पृथ्वी अपने अन्दर समेटे हुए थी | परिणामस्वरूप इस अनमोल ग्रह पर जीवन रूपी वृक्ष का बीज पड़ चुका था | धीरे – धीरे यह वृक्ष बड़ा होता गया अर्थात पृथ्वी पर अनेक प्रजातियों ने जन्म ले लिया था | परन्तु जहाँ निर्माण है वहाँ विनाश भी कदम से कदम मिलाकर चलता है | वृक्ष की शाखाओं की तरह इस जीवन रूपी वृक्ष की शाखाओं का भी टूटना स्वभाविक ही था | अतः अनेक प्रजातियाँ काल के मुख में समा गयीं |

                                                    क्रमशः ...

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